भोपाल: प्रदेश में भी फार्मासिस्ट क्लीनिक खोल कर मरीजों को सलाह दे सकते है।फार्मेसी कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने फार्मेसी प्रेक्टिस अधिनियम 2015 में इस प्रकार के प्रावधान की अनुशंसा की थी जिसे केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया और पुरे देश के लिए लागु कर दिया गया।
इस अधिनियम के अंतर्गत फार्मासिस्ट क्लीनिक खोल के समान्य बिमारियों पर मरीज को सलाह दे सकते है एवम् चिकित्सक के समान परामर्श शुल्क भी ले सकते है।
प्रांतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता विवेक मौर्य ने इसका स्वागत करते हुये सरकार से फार्मासिस्ट को चिकित्सक की भांति दवा लिखने तथा फार्मासिस्ट को ग्रामीण चिकित्सक (रूरल मेडिकल ऑफिसर)अथवा मेडिसिन ऑफिसर का दर्ज़ा देने की मांग की है।
इस अधिनियम के अंतर्गत फार्मासिस्ट क्लीनिक खोल के समान्य बिमारियों पर मरीज को सलाह दे सकते है एवम् चिकित्सक के समान परामर्श शुल्क भी ले सकते है।
प्रांतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता विवेक मौर्य ने इसका स्वागत करते हुये सरकार से फार्मासिस्ट को चिकित्सक की भांति दवा लिखने तथा फार्मासिस्ट को ग्रामीण चिकित्सक (रूरल मेडिकल ऑफिसर)अथवा मेडिसिन ऑफिसर का दर्ज़ा देने की मांग की है।
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