झाबुआ. पेटलावद ब्लास्ट के मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा का बड़ा भाई नरेंद्र कांसवा भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ का जिला सदस्य था। कुछ समय पूर्व हुए भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में वह शामिल हुआ और आमंत्रण कार्ड में भी नरेंद्र का नाम छपा था। भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ से जुड़े होने के कारण नरेंद्र के भाजपा के कई बड़े नेताओं से संबंध थे। जिसकी बदौलत वह अपने दोनों भाइयों के अवैध कारोबार को संरक्षण देता था। राजनीतिक रसूख के चलते कभी किसी अधिकारी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। कांसवा परिवार पेटलावद नगर परिषद में रसूख रखने वाले नेताओं के भी संपर्क में था, जो समय-समय पर उसकी मदद करते थे। उनसे भी पूछताछ हुई है।
रतलाम व राजस्थान के व्यापारियों से भी विस्फोटक लेता था कांसवा
पेटलावद ब्लास्ट की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम ने घटना के छह दिन बाद प्रेस कांफ्रेंस ली और मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा को लेकर चल रही अफवाहों पर विराम लगाने के प्रयास किए। मामले में टीम ने कुछ खुलासे भी किए हैं। पहला राजेंद्र कांसवा को पुलिस ने जिंदा माना है। इसके पीछे प्रत्यक्षदर्शियाें व पत्नी-बच्चों के बयानों को आधार बनाया गया है। हालांकि एसआईटी अभी तक यह बताने में असमर्थ है कि अगर कांसवा जिंदा है तो आखिर है कहां? इस गुत्थी को सुलझाने की दिशा में टीम काम कर रही है। भास्कर पड़ताल में पता चला है कि पुलिस ने राजेंद्र को विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराने वाले धर्मेंद्रसिंह को पकड़ लिया है लेकिन अब उन लोगों को खोजा जा रहा है जो उसे नियम विरुद्ध विस्फोटक देते थे।
इनमें राजस्थान व रतलाम जिले के कुछ व्यापारी भी शामिल है। जल्द ही व्यापारियों से पूछताछ की जा सकती है। फूलचंद व नरेंद्र का घटना से संबंध होने की जांच भी की जा रही है। यदि प्रमाण मिलते हैं तो दोनों के विरुद्ध 89 लोगों की मौत का जिम्मेदार मानते हुए धारा 304 में प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
हां सदस्य था.........................
भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ में राजेंद्र सदस्य नहीं था। उसका भाई नरेंद्र जरूर जिला कार्यकारिणी में सदस्य था। लोकेश भंडारी, जिला संयोजक, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ, झाबुआ
Bhaskar ki khaber
रतलाम व राजस्थान के व्यापारियों से भी विस्फोटक लेता था कांसवा
पेटलावद ब्लास्ट की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम ने घटना के छह दिन बाद प्रेस कांफ्रेंस ली और मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा को लेकर चल रही अफवाहों पर विराम लगाने के प्रयास किए। मामले में टीम ने कुछ खुलासे भी किए हैं। पहला राजेंद्र कांसवा को पुलिस ने जिंदा माना है। इसके पीछे प्रत्यक्षदर्शियाें व पत्नी-बच्चों के बयानों को आधार बनाया गया है। हालांकि एसआईटी अभी तक यह बताने में असमर्थ है कि अगर कांसवा जिंदा है तो आखिर है कहां? इस गुत्थी को सुलझाने की दिशा में टीम काम कर रही है। भास्कर पड़ताल में पता चला है कि पुलिस ने राजेंद्र को विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराने वाले धर्मेंद्रसिंह को पकड़ लिया है लेकिन अब उन लोगों को खोजा जा रहा है जो उसे नियम विरुद्ध विस्फोटक देते थे।
इनमें राजस्थान व रतलाम जिले के कुछ व्यापारी भी शामिल है। जल्द ही व्यापारियों से पूछताछ की जा सकती है। फूलचंद व नरेंद्र का घटना से संबंध होने की जांच भी की जा रही है। यदि प्रमाण मिलते हैं तो दोनों के विरुद्ध 89 लोगों की मौत का जिम्मेदार मानते हुए धारा 304 में प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
हां सदस्य था.........................
भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ में राजेंद्र सदस्य नहीं था। उसका भाई नरेंद्र जरूर जिला कार्यकारिणी में सदस्य था। लोकेश भंडारी, जिला संयोजक, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ, झाबुआ
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