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आज सिर्फ झाबुआ जिले का पेटलावद ही नही बल्कि पूरा अंचल–पूरा प्रदेश दहल गया। तंत्र के साथ एक शख्स की लापरवाही कितनी जिंदगियो ओर परिवारो पर भारी पडी। इसका अंदाजा लगाकर अंचल रो रहा है प्रशासन हमेशा की तरह जांच की बात कहकर रस्म अदायगी कर लेगा। लेकिन आखिर यह हादसा हुआ कैसे ओर उसके बाद के क्या क्या घटनाक्रम हुऐ देखिए इस रिपोर्ट में।
वह 5 मिनट काल बनकर टुट पडे जिंदगियों पर–
शनिवार की सुबह पेटलावद ओर झाबुआ जिला कभी नही भूल पायेगा। सुबह करीब 8 बजकर 20 मिनट का समय था पेटलावद के न्यू बस स्टैंड (थादंला रोड) पर रोज की तरह अच्छी खासी चहल पहल थी। मुकेश सेठिया के रेस्टोरेंट पर रोज की तरह बच्चो से लेकर बढे ओर स्थानीय से लेकर यात्रीगण रुककर चाय नाश्ते मे व्यस्त थे तभी पास मे सेवानिवृत शिक्षक गंगाराम राठौड के दो मंजिला मकान मे किरायेदार के रुप मे दुकान चलाने वाले ”राजेंद्र कासवा” नामक शख्स की दुकान मे एक हल्का विस्फोट हुआ ओर धुंआ निकलने लगा। इस पर वहा आसपास खडे लोगो आश्चर्य ओर कौतुहल वश इस घटनाक्रम को देखने लगे तभी 4 मिनट के बाद एक जोरदार धमाका हुआ ओर गंगाराम राठोड की बिल्डिंग धराशायी होकर गिर पडी ओर उसका अवशेष के दुकडे और पत्थर और सरिया और पतरे एक हजार किमी की रफ्तार से पास खड़े लोगो पर टुट पडे। महज 20 सैकंड मे ही पूरा चौराहा लाशों के ढ़ेर मे तब्दील हो गया। चारो तरफ चीख पुकार, धुंआ–रक्त रंजित लाशें ओर मानव शरीर के चीथड़े ओर नरमुंड बिखरे पडे थे।
स्थानीय रहवासीयो ने शुरु किया राहत काम—
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सबसे पहले राहत ओर बचाव काम शुरु किया। थोडी ही देर मे प्रशासन का अमला भी पहुंचा। सबसे पहले घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेटलावद भिजवाया गया वहां से प्राथमिक उपचार कें बाद गंभीर घायलो को इंदौर, दाहोद ओर रतलाम के जिला चिकित्सालय मे रवाना किया गया। कलेक्टर तो काफी देर से पहुंची।
इन मौतों का गुनाहगार आखिर कौन –?
पेटलावद हादसे के बाद सबसे बडा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर हादसे मे मारे गये लोगो कि गलती क्या थी ? आखिर क्यो उन्हें अपनी जान गंवानी पडी ? जिनमें मासूम बच्चे भी शामिल थे ? सीधे तौर पर तो राजेंद्र कासवा ही इसका जिम्मेदार है
लेकिन इन सवालो का जवाब क्या प्रशासन के पास है ?
1- राजेंद्र कासवा को पेटलावद के रहवासी ओर अति व्यस्ततम इलाके मे विस्फोटक का भंडारण करने की छुट आखिर किसने दी ?
2- अगर राजेंद्र कासवा को यह छुट राजस्व और पुलिस के अफसरो ने नही दी तो उसे रोकने की कोशिश क्यो नही की गयी जबकि वह रोज शाम को खुलेआम अपनी कंप्रेसर मशीन इसी इलाके मे लेकर आता था ?
3- राजेंद्र कासवा हो या कोई ओर हो उसे अपने हर ब्लास्ट का रिकार्ड ओर भंडारण का स्टेटस अफसरों को देना होता था जिसमे भंडारण की जगह भी बतानी पडती थी बडा सवाल क्या पुलिस या राजस्व ने विगत एक सप्ताह की पंजी देखी थी ?
4 – हर तीन माह मे लाइसेंस फीस जमा करवाई जाती है जिसके बाद कलेक्टर अनुमित जारी करता है राजेंद्र कासवा की अनुमति कलेक्टर ने आखिर किस आधार पर जारी कर दी जबकि वह शहर की सीमा से बाहर नही बल्कि अंदर भंडारण कर रहा था तो क्या पेटलावद एसडीएम ने गलत रिपोर्ट दी थी ?
जानकारो के अनुसार आज यह हुआ होगा –
कुछ तकनीकी जानकारो से बात की तो परिस्थिति देखकर जानकार अंदाजा लगा रहे है कि डिटोनेटर ओर जिलेटिन की रॉड शायद एक ही कक्ष मे रखी गयी होगी जो घोर लापरवाही है इसे मैगजीन कवर मे रखना होता है ओर अनुमान है कि एक इलैक्ट्रिक शाट॔ सर्किट हुआ होगा जिससे पहले एक जिलेटिन राड से हल्का धमाका हुआ ओर उसके बाद जिलेटिन ओर डेटोनेटर परस्पर ब्लास्ट फार्मेट में आग के चलते मिल गये ओर इससे भीषण विस्फोट हुआ है।
शिव सरकार के लापरवाह मंत्री –
इस हादसे के बाद शिवराजसिंह सरकार के मंत्रियों मे समन्वयन की साफ कमी भी दिखाई दी वही संवेदनहीनता भी दिखाई दी। जिले के प्रभारी मंत्री पास ही मे होकर सिर्फ इसलिए नही आये क्योकि उन्हें हैलीकॉप्टर का इंतजार था मगर उनको मिलने वाले हेलीकाप्टर मे गृहमंत्री बाबूलाल गौर डीजीपी ओर सीएम के साथ आ गये ओर उनकी रस्म अदायगी देखिए कि वह अफसरो सें पूछा पूछकर बयान दे पा रहे थे। सरकार के मंत्रियों मे संवादहीनता का आलम यह था कि मुख्यमंत्री जहां मृतकों को मुआवजे का एलान कर चुके थे वही बाबूलाल गौर भोपाल मे मीडिया को जांच के बाद मुआवजा देने की बात कर रहे थे।
चुनावी मोड मे इलाका–शुरु हुई राजनीति
रतलाम लोकसभा का उपचुनाव होना है इसलिये इस हादसे पर राजनीति होना तय है कल कांग्रेस पीसीसी चीफ अरुण यादव पेटलावद आये ओर कांतिलाल भूरिया के साथ रविवार को जिला बंद कांड आव्हान कर गये। वही आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह भी 11 बजे पेटलावद पहुँच रहे है अफसोस की बात यह है कि देश के कानून मंत्री राजनाथ सिंह भी भोपाल मे थे मगर उन्होंने भी झाबुआ आना उचित नही समझा।
एक मग॔ कायम-कासवा फरार —
इस हादसे के बाद पेटलावद थाने पर एक मग॔ कायम कर लिया है उसी आधार पर जांच शुरु होगी। वही देर शाम को पेटलावद टीआई शिवजी सिंह को निलंबित किया गया है मगर बडा सवाल एसडीएम ओर तहसीलदार पर अब तक कारवाई क्यो नही ओर कलेक्टर अरुणा गुप्ता भी जिम्मेदार है लिहाजा उन पर भी कारवाई करनी चाहिऐ। अब आज सीएम क्या एक्शन लेते है यह देखने वाली बात होगी।
आज सिर्फ झाबुआ जिले का पेटलावद ही नही बल्कि पूरा अंचल–पूरा प्रदेश दहल गया। तंत्र के साथ एक शख्स की लापरवाही कितनी जिंदगियो ओर परिवारो पर भारी पडी। इसका अंदाजा लगाकर अंचल रो रहा है प्रशासन हमेशा की तरह जांच की बात कहकर रस्म अदायगी कर लेगा। लेकिन आखिर यह हादसा हुआ कैसे ओर उसके बाद के क्या क्या घटनाक्रम हुऐ देखिए इस रिपोर्ट में।
वह 5 मिनट काल बनकर टुट पडे जिंदगियों पर–
शनिवार की सुबह पेटलावद ओर झाबुआ जिला कभी नही भूल पायेगा। सुबह करीब 8 बजकर 20 मिनट का समय था पेटलावद के न्यू बस स्टैंड (थादंला रोड) पर रोज की तरह अच्छी खासी चहल पहल थी। मुकेश सेठिया के रेस्टोरेंट पर रोज की तरह बच्चो से लेकर बढे ओर स्थानीय से लेकर यात्रीगण रुककर चाय नाश्ते मे व्यस्त थे तभी पास मे सेवानिवृत शिक्षक गंगाराम राठौड के दो मंजिला मकान मे किरायेदार के रुप मे दुकान चलाने वाले ”राजेंद्र कासवा” नामक शख्स की दुकान मे एक हल्का विस्फोट हुआ ओर धुंआ निकलने लगा। इस पर वहा आसपास खडे लोगो आश्चर्य ओर कौतुहल वश इस घटनाक्रम को देखने लगे तभी 4 मिनट के बाद एक जोरदार धमाका हुआ ओर गंगाराम राठोड की बिल्डिंग धराशायी होकर गिर पडी ओर उसका अवशेष के दुकडे और पत्थर और सरिया और पतरे एक हजार किमी की रफ्तार से पास खड़े लोगो पर टुट पडे। महज 20 सैकंड मे ही पूरा चौराहा लाशों के ढ़ेर मे तब्दील हो गया। चारो तरफ चीख पुकार, धुंआ–रक्त रंजित लाशें ओर मानव शरीर के चीथड़े ओर नरमुंड बिखरे पडे थे।
स्थानीय रहवासीयो ने शुरु किया राहत काम—
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सबसे पहले राहत ओर बचाव काम शुरु किया। थोडी ही देर मे प्रशासन का अमला भी पहुंचा। सबसे पहले घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेटलावद भिजवाया गया वहां से प्राथमिक उपचार कें बाद गंभीर घायलो को इंदौर, दाहोद ओर रतलाम के जिला चिकित्सालय मे रवाना किया गया। कलेक्टर तो काफी देर से पहुंची।
इन मौतों का गुनाहगार आखिर कौन –?
पेटलावद हादसे के बाद सबसे बडा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर हादसे मे मारे गये लोगो कि गलती क्या थी ? आखिर क्यो उन्हें अपनी जान गंवानी पडी ? जिनमें मासूम बच्चे भी शामिल थे ? सीधे तौर पर तो राजेंद्र कासवा ही इसका जिम्मेदार है
लेकिन इन सवालो का जवाब क्या प्रशासन के पास है ?
1- राजेंद्र कासवा को पेटलावद के रहवासी ओर अति व्यस्ततम इलाके मे विस्फोटक का भंडारण करने की छुट आखिर किसने दी ?
2- अगर राजेंद्र कासवा को यह छुट राजस्व और पुलिस के अफसरो ने नही दी तो उसे रोकने की कोशिश क्यो नही की गयी जबकि वह रोज शाम को खुलेआम अपनी कंप्रेसर मशीन इसी इलाके मे लेकर आता था ?
3- राजेंद्र कासवा हो या कोई ओर हो उसे अपने हर ब्लास्ट का रिकार्ड ओर भंडारण का स्टेटस अफसरों को देना होता था जिसमे भंडारण की जगह भी बतानी पडती थी बडा सवाल क्या पुलिस या राजस्व ने विगत एक सप्ताह की पंजी देखी थी ?
4 – हर तीन माह मे लाइसेंस फीस जमा करवाई जाती है जिसके बाद कलेक्टर अनुमित जारी करता है राजेंद्र कासवा की अनुमति कलेक्टर ने आखिर किस आधार पर जारी कर दी जबकि वह शहर की सीमा से बाहर नही बल्कि अंदर भंडारण कर रहा था तो क्या पेटलावद एसडीएम ने गलत रिपोर्ट दी थी ?
जानकारो के अनुसार आज यह हुआ होगा –
कुछ तकनीकी जानकारो से बात की तो परिस्थिति देखकर जानकार अंदाजा लगा रहे है कि डिटोनेटर ओर जिलेटिन की रॉड शायद एक ही कक्ष मे रखी गयी होगी जो घोर लापरवाही है इसे मैगजीन कवर मे रखना होता है ओर अनुमान है कि एक इलैक्ट्रिक शाट॔ सर्किट हुआ होगा जिससे पहले एक जिलेटिन राड से हल्का धमाका हुआ ओर उसके बाद जिलेटिन ओर डेटोनेटर परस्पर ब्लास्ट फार्मेट में आग के चलते मिल गये ओर इससे भीषण विस्फोट हुआ है।
शिव सरकार के लापरवाह मंत्री –
इस हादसे के बाद शिवराजसिंह सरकार के मंत्रियों मे समन्वयन की साफ कमी भी दिखाई दी वही संवेदनहीनता भी दिखाई दी। जिले के प्रभारी मंत्री पास ही मे होकर सिर्फ इसलिए नही आये क्योकि उन्हें हैलीकॉप्टर का इंतजार था मगर उनको मिलने वाले हेलीकाप्टर मे गृहमंत्री बाबूलाल गौर डीजीपी ओर सीएम के साथ आ गये ओर उनकी रस्म अदायगी देखिए कि वह अफसरो सें पूछा पूछकर बयान दे पा रहे थे। सरकार के मंत्रियों मे संवादहीनता का आलम यह था कि मुख्यमंत्री जहां मृतकों को मुआवजे का एलान कर चुके थे वही बाबूलाल गौर भोपाल मे मीडिया को जांच के बाद मुआवजा देने की बात कर रहे थे।
चुनावी मोड मे इलाका–शुरु हुई राजनीति
रतलाम लोकसभा का उपचुनाव होना है इसलिये इस हादसे पर राजनीति होना तय है कल कांग्रेस पीसीसी चीफ अरुण यादव पेटलावद आये ओर कांतिलाल भूरिया के साथ रविवार को जिला बंद कांड आव्हान कर गये। वही आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह भी 11 बजे पेटलावद पहुँच रहे है अफसोस की बात यह है कि देश के कानून मंत्री राजनाथ सिंह भी भोपाल मे थे मगर उन्होंने भी झाबुआ आना उचित नही समझा।
एक मग॔ कायम-कासवा फरार —
इस हादसे के बाद पेटलावद थाने पर एक मग॔ कायम कर लिया है उसी आधार पर जांच शुरु होगी। वही देर शाम को पेटलावद टीआई शिवजी सिंह को निलंबित किया गया है मगर बडा सवाल एसडीएम ओर तहसीलदार पर अब तक कारवाई क्यो नही ओर कलेक्टर अरुणा गुप्ता भी जिम्मेदार है लिहाजा उन पर भी कारवाई करनी चाहिऐ। अब आज सीएम क्या एक्शन लेते है यह देखने वाली बात होगी।
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