रतलाम से
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-बहुचर्चित कुणाल चौरडिय़ा अपहरण कांड-
रतलाम शहर के प्रतिष्ठित रंग व्यवसायी इंदरमल समरथमल परिवार के 6 वर्षीय बालक कुणाल चौरडिय़ा के बहुचर्चित अपहरण कांड का फैसला मंगलवार को आ गया। इसमें माणकचौक पुलिस द्वारा बनाए गए 6 में से 5 आरोपियों को न्यायालय ने काल डिटेल के आधार पर आजीवन कारावास और अन्य सजाओं से दंडित किया है। एक आरोपी को बरी कर दिया गया, जबकि एक अन्य फरार है।
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश प्रियदर्शन शर्मा ने 19 पृष्ठों के 61 पेरा वाले फैसले में आरोपी दिलीप पिता लक्ष्मीनारायण शर्मा (22) निवासी उमरथाना थाना बिलपांक, नंदू पिता धुलाजी (25), भेरु पिता नागू गरवाल (27) निवासी संदला थाना बदनावर, भीमा उर्फ भीमासिंग पिता गोविंद मकवाना (22) निवासी सलवा थाना राजोद और कृष्ण गोपाल पिता रामलाल व्यास (30) निवासी ब्राह्मण वास रतलाम को दोषी पाया। सभी आरोपियों को धारा 364 क सहपठित धारा 120 बी के तहत आजीवन कारावास और 500 रुपए के अर्थदंड, धारा 363 सहपठित 365 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड तथा धारा 324/34 के तहत 6 माह सश्रम कारावास व 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। आरोपी जितेन्द्र पिता जगदीश पाटीदार (21) निवासी संदला को कोई साक्ष्य नहीं होने पर बरी कर दिया। एक अन्य आरोपी दिनेश फरार है, जिसके विरुद्ध मामला विचाराधीन है। लोक अभियोजक सुभाष जैन ने बताया कि आरोपीगणों ने 25 नवंबर 2011 को सुबह 8 बजे रतलाम के नीमचौक कार्नर से आटो रिक्शा में सवार होकर सेंट जोसफ कांवेंट स्कूल जा रहे कक्षा पहली के छात्र कुणाल पिता कमल चौरडिय़ा का अपहरण किया था। आटो रिक्शा के पास बाइक पर सवार होकर दो युवक आए थे और उन्होंने रिक्शा चालक की आंखों में मिर्ची झोंक कर कुणाल को फिरौती लेने के मकसद से अपहरण किया था। माणकचौक पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के बाद बिलपांक पुलिस ने उसी दिन आरोपी भेरु और दिनेश को गिरफ्तार कर कुणाल को उनके कब्जे से बरामद कर लिया था। शेष आरोपियों को बाद में गिरफ्तार कर उनके कब्जे से मोबाइल फोन और वाहन जब्त किए गए थे। न्यायालय ने विचारण के दौरान आरोपियों के बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत की काल डिटेल और मोबाइल कंपनियों के नोडल अधिकारियों की गवाही के आधार पर दंडित आरोपियों को दोषी पाया गया। न्यायालय ने इस संबंध में फोन काल का एक नक्शा भी बनाया, जिसमें आरोपियों के बीच हुई बातचीत के अंक प्रदर्शित किए गए है।
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-बहुचर्चित कुणाल चौरडिय़ा अपहरण कांड-
रतलाम शहर के प्रतिष्ठित रंग व्यवसायी इंदरमल समरथमल परिवार के 6 वर्षीय बालक कुणाल चौरडिय़ा के बहुचर्चित अपहरण कांड का फैसला मंगलवार को आ गया। इसमें माणकचौक पुलिस द्वारा बनाए गए 6 में से 5 आरोपियों को न्यायालय ने काल डिटेल के आधार पर आजीवन कारावास और अन्य सजाओं से दंडित किया है। एक आरोपी को बरी कर दिया गया, जबकि एक अन्य फरार है।
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश प्रियदर्शन शर्मा ने 19 पृष्ठों के 61 पेरा वाले फैसले में आरोपी दिलीप पिता लक्ष्मीनारायण शर्मा (22) निवासी उमरथाना थाना बिलपांक, नंदू पिता धुलाजी (25), भेरु पिता नागू गरवाल (27) निवासी संदला थाना बदनावर, भीमा उर्फ भीमासिंग पिता गोविंद मकवाना (22) निवासी सलवा थाना राजोद और कृष्ण गोपाल पिता रामलाल व्यास (30) निवासी ब्राह्मण वास रतलाम को दोषी पाया। सभी आरोपियों को धारा 364 क सहपठित धारा 120 बी के तहत आजीवन कारावास और 500 रुपए के अर्थदंड, धारा 363 सहपठित 365 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड तथा धारा 324/34 के तहत 6 माह सश्रम कारावास व 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। आरोपी जितेन्द्र पिता जगदीश पाटीदार (21) निवासी संदला को कोई साक्ष्य नहीं होने पर बरी कर दिया। एक अन्य आरोपी दिनेश फरार है, जिसके विरुद्ध मामला विचाराधीन है। लोक अभियोजक सुभाष जैन ने बताया कि आरोपीगणों ने 25 नवंबर 2011 को सुबह 8 बजे रतलाम के नीमचौक कार्नर से आटो रिक्शा में सवार होकर सेंट जोसफ कांवेंट स्कूल जा रहे कक्षा पहली के छात्र कुणाल पिता कमल चौरडिय़ा का अपहरण किया था। आटो रिक्शा के पास बाइक पर सवार होकर दो युवक आए थे और उन्होंने रिक्शा चालक की आंखों में मिर्ची झोंक कर कुणाल को फिरौती लेने के मकसद से अपहरण किया था। माणकचौक पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के बाद बिलपांक पुलिस ने उसी दिन आरोपी भेरु और दिनेश को गिरफ्तार कर कुणाल को उनके कब्जे से बरामद कर लिया था। शेष आरोपियों को बाद में गिरफ्तार कर उनके कब्जे से मोबाइल फोन और वाहन जब्त किए गए थे। न्यायालय ने विचारण के दौरान आरोपियों के बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत की काल डिटेल और मोबाइल कंपनियों के नोडल अधिकारियों की गवाही के आधार पर दंडित आरोपियों को दोषी पाया गया। न्यायालय ने इस संबंध में फोन काल का एक नक्शा भी बनाया, जिसमें आरोपियों के बीच हुई बातचीत के अंक प्रदर्शित किए गए है।
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