Written by B4M
Present by - TOC News
वे रिपोर्टर्स पर दबाव देकर अवैध संपत्ति बना रहे थे : किसी रिपोर्टर ने सभी काले कारनामों की सीडी बनाकर प्रबंधन के पास भेज दी : इंदौर। दैनिक भास्कर इंदौर में इन दिनों विभाग की विजिलेंस टीम यहां से निकलने वाले टेबलाइट अखबार DB Star के संपादक Manoj Binwal के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची है। संबंधित संपादक के खिलाफ स्टॉफ से ही भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत और रिकॉर्ड मैनेजमेंट तक लागातार पहुंचाए जा रहे थे। वे रिपोर्टर पर दबाव बनाकर अवैध संपत्ति बनाने में लगे हुए थे, उन्हीं में से किसी रिपोर्टर ने भ्रष्टाचार की सीडी बनाकर मैनेजमेंट तक पहुंचा दी। इसके आधार पर प्रबंधन के भोपाल मुख्यालय से विजिलेंस टीम इंदौर जांच करने पहुंची।
अचानक से आई टीम को देखकर वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों में हड़कंम मच गए। जांच एक संपादक से शुरू हुई मगर इसकी आंच में इंदौर में वरिष्ठ पदों पर बैठे कई पदाधिकारियों तक पहुंच गई। टीम ने जांच में क्या किया। इसकी गाज किस पर और कब तक गिरेगी? जैसे सवालों के जवाब का तो पता नहीं चला है मगर इतना जरूर है कि जिस रिपोर्टर ने मैनेजमेंट तक संपादक के भ्रष्टाचार का पुलिंदा पहुंचाया उस रिपोर्टर के खिलाफ इंदौर में बैठे सभी कथित पीठाधीश एक जुट हो गए। जांच के दौरान टीम इंदौर यूनिट के नीचे से ऊपर तक कई लोगों से गोपनीय तरीके से मिली और उनके बयान भी लिए। इनमें से जिन लोगों ने संबंधित संपादक की काले कारनामों पर मुहर लगाई अब ऐसे नामों की खोज बीन भी शुरू हो गई। तो कुछ नामों को अंदाजे के आधार पर प्रताड़ित करना भी शुरू कर दिया गया। प्रबंधन का न्याय व्यवस्था देखकर सभी ठगे महसूस कर रहे हैं।
दूसरी ओर शिकायत करने रिपोर्टर के खिलाफ जांच टीम आने के बाद से ही शिकायतों का दौर शुरू हो गया। यहां तक की उसे संबंधित संपादक से काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार जैसे आरोपों के मेल शुरू हो गए। एक-एक दिन में सुबह से रात तक ऐसे मेलों की बाढ़ आ गई। यहां तक की संपादक जिन खबरों पर रिपोर्टर से काम करवा रहा था उसी के दूसरे पक्षों से शिकायतें करवाने का दौर भी शुरू हो गया। इसके लिए संपादक ने अपनी चरण वंदना करने वाली एक टीम को इस बात के लिए लगा दिया कि वह रिपोर्टर के खिलाफ लोगों के पास जा-जा कर शिकायतें करवाएं।
ऐसे कई लोगों ने इस टीम को उल्टे पैर रवाना कर दिया तो कुछ मौके का फायदा उठाने में भी नहीं चूके। जिन खबरों में रिपेार्टर ने उन्हें निपटाया था उस पर अब रिपोर्टर को निपटाने की बारी उनकी थी। संबंधित रिपोर्टर अब मैनेजमेंट के इस तरह के रुख से अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। क्योंकि भास्कर प्रबंधन ने ही ऐसे मामलों में शिकायत करने के लिए प्रत्येक कर्मचारी को आगे रहकर मेल किए थे, ताकि अंदरूनी बातों का पता लगाया जाए।
संबंधित लोगों को व्हिसल ब्लोअर का नाम दिया था ऐसे शिकायकर्ता की जानकारी और नाम गोपनीय रखने को कहा गया। मगर सब कुछ ओपन कर दिया और अब संबंधित रिपोर्टर की नौकरी दांव पर लग गई। दूसरी ओर अफसरों पर दबाव देकर संपादक ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जो संपत्ति हथियाई अब उसकी फाइल अफसरों तक भी पहुंच गई। अफसरों ने इसकी गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच करने के आदेश जारी कर दिए। फाइल देखकर अफसर भी हैरान हैं कि किस तरह देश के नंबर 1 अखबार का संपादक समाज में पत्रकारिता की आड़ में काले कारनामों को अंजाम देने में तुला हुआ है। हालांकि इस जांच को प्रभावित करने के लिए भी इंदौर यूनिट की एक टीम को लगाया गया है, ताकि लोगों के सामने असलियत आने से छिपाई जाए।
भड़ास के पास आए एक पत्र पर आधारित
Present by - TOC News
वे रिपोर्टर्स पर दबाव देकर अवैध संपत्ति बना रहे थे : किसी रिपोर्टर ने सभी काले कारनामों की सीडी बनाकर प्रबंधन के पास भेज दी : इंदौर। दैनिक भास्कर इंदौर में इन दिनों विभाग की विजिलेंस टीम यहां से निकलने वाले टेबलाइट अखबार DB Star के संपादक Manoj Binwal के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची है। संबंधित संपादक के खिलाफ स्टॉफ से ही भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत और रिकॉर्ड मैनेजमेंट तक लागातार पहुंचाए जा रहे थे। वे रिपोर्टर पर दबाव बनाकर अवैध संपत्ति बनाने में लगे हुए थे, उन्हीं में से किसी रिपोर्टर ने भ्रष्टाचार की सीडी बनाकर मैनेजमेंट तक पहुंचा दी। इसके आधार पर प्रबंधन के भोपाल मुख्यालय से विजिलेंस टीम इंदौर जांच करने पहुंची।
अचानक से आई टीम को देखकर वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों में हड़कंम मच गए। जांच एक संपादक से शुरू हुई मगर इसकी आंच में इंदौर में वरिष्ठ पदों पर बैठे कई पदाधिकारियों तक पहुंच गई। टीम ने जांच में क्या किया। इसकी गाज किस पर और कब तक गिरेगी? जैसे सवालों के जवाब का तो पता नहीं चला है मगर इतना जरूर है कि जिस रिपोर्टर ने मैनेजमेंट तक संपादक के भ्रष्टाचार का पुलिंदा पहुंचाया उस रिपोर्टर के खिलाफ इंदौर में बैठे सभी कथित पीठाधीश एक जुट हो गए। जांच के दौरान टीम इंदौर यूनिट के नीचे से ऊपर तक कई लोगों से गोपनीय तरीके से मिली और उनके बयान भी लिए। इनमें से जिन लोगों ने संबंधित संपादक की काले कारनामों पर मुहर लगाई अब ऐसे नामों की खोज बीन भी शुरू हो गई। तो कुछ नामों को अंदाजे के आधार पर प्रताड़ित करना भी शुरू कर दिया गया। प्रबंधन का न्याय व्यवस्था देखकर सभी ठगे महसूस कर रहे हैं।
दूसरी ओर शिकायत करने रिपोर्टर के खिलाफ जांच टीम आने के बाद से ही शिकायतों का दौर शुरू हो गया। यहां तक की उसे संबंधित संपादक से काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार जैसे आरोपों के मेल शुरू हो गए। एक-एक दिन में सुबह से रात तक ऐसे मेलों की बाढ़ आ गई। यहां तक की संपादक जिन खबरों पर रिपोर्टर से काम करवा रहा था उसी के दूसरे पक्षों से शिकायतें करवाने का दौर भी शुरू हो गया। इसके लिए संपादक ने अपनी चरण वंदना करने वाली एक टीम को इस बात के लिए लगा दिया कि वह रिपोर्टर के खिलाफ लोगों के पास जा-जा कर शिकायतें करवाएं।
ऐसे कई लोगों ने इस टीम को उल्टे पैर रवाना कर दिया तो कुछ मौके का फायदा उठाने में भी नहीं चूके। जिन खबरों में रिपेार्टर ने उन्हें निपटाया था उस पर अब रिपोर्टर को निपटाने की बारी उनकी थी। संबंधित रिपोर्टर अब मैनेजमेंट के इस तरह के रुख से अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। क्योंकि भास्कर प्रबंधन ने ही ऐसे मामलों में शिकायत करने के लिए प्रत्येक कर्मचारी को आगे रहकर मेल किए थे, ताकि अंदरूनी बातों का पता लगाया जाए।
संबंधित लोगों को व्हिसल ब्लोअर का नाम दिया था ऐसे शिकायकर्ता की जानकारी और नाम गोपनीय रखने को कहा गया। मगर सब कुछ ओपन कर दिया और अब संबंधित रिपोर्टर की नौकरी दांव पर लग गई। दूसरी ओर अफसरों पर दबाव देकर संपादक ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जो संपत्ति हथियाई अब उसकी फाइल अफसरों तक भी पहुंच गई। अफसरों ने इसकी गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच करने के आदेश जारी कर दिए। फाइल देखकर अफसर भी हैरान हैं कि किस तरह देश के नंबर 1 अखबार का संपादक समाज में पत्रकारिता की आड़ में काले कारनामों को अंजाम देने में तुला हुआ है। हालांकि इस जांच को प्रभावित करने के लिए भी इंदौर यूनिट की एक टीम को लगाया गया है, ताकि लोगों के सामने असलियत आने से छिपाई जाए।
भड़ास के पास आए एक पत्र पर आधारित
No comments:
Post a Comment