व्यापम घोटाले में सीबीआई की बड़ी करवाई
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर छापामार कारवाई
Toc News
भोपाल- व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच अपने हाथों में लेने के बाद सीबीआई ने पहली बार एक साथ करीब 40 जगहों पर छापामार कार्रवाई की है। इनमें भोपाल, इंदौर, लखनऊ, विदिशा, रीवा, जबलपुजर, उज्जैन, इलाहाबाद शहर शामिल हैं।
सीबीआई पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के विदिशा जिले में स्थित सिरोंज के घर पर भी सीबीआई की टीम पहुंची। लक्ष्मीकांत इस समय जेल में हैं।
40 अफसर सीबीआई टीम में...
सीबीआई को व्यापमं घोटाले की जांच का जिम्मा जुलाई में सौंपा गया था। इसके लिए 40 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व असम-मेघालय कैडर के आईपीएस अधिकारी सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी अग्रवाल कर रहे हैं।
क्या है व्यापमं घोटाला
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन पदों की भर्तियां करता है, जिनकी भर्तियां म.प्र. लोक सेवा आयोग नहीं करता। इसके तहत प्री मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के एग्जाम होते हैं। घोटाले की बात उस वक्त सामने आई जब कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स, ट्रैफिक पुलिस, सब इंस्पेक्टरों की भर्ती परीक्षा के अलावा मेडिकल एग्जाम में ऐसे लोगों को पास किया गया जिनके पास एग्जाम में बैठने तक की योग्यता नहीं थी। सरकारी नौकरियों में करीब हजार से ज्यादा और मेडिकल एग्जाम में 500 से ज्यादा भर्तियां शक के घेरे में हैं। इस घोटाले की जांच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी कर रही है।
कैसे सामने आया था व्यापमं घोटाला?
- व्यापमं की ओर से हुई प्री-मेडिकल टेस्ट में गड़बड़ी के सिलसिले में कई एफआईआर दर्ज की जा चुकी थीं। लेकिन जुलाई 2013 में यह घोटाला बड़े रूप में तब सामने आया जब इंदौर क्राइम ब्रांच ने जगदीश सगर की गिरफ्तारी की। उसे मुंबई के पॉश होटल से गिरफ्तार किया गया था। उसके इंदौर स्थित घर से कई करोड़ रुपए का कैश बरामद हुआ था। पुलिस के मुताबिक, एमबीबीएस डिग्री रखने वाले सगर ने पूछताछ में कबूल किया कि उसने 3 साल के दौरान 100 से 150 स्टूडेंट्स को एमबीबीएस कोर्स में गलत तरीके से एडमिशन दिलाया थ
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर छापामार कारवाई
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भोपाल- व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच अपने हाथों में लेने के बाद सीबीआई ने पहली बार एक साथ करीब 40 जगहों पर छापामार कार्रवाई की है। इनमें भोपाल, इंदौर, लखनऊ, विदिशा, रीवा, जबलपुजर, उज्जैन, इलाहाबाद शहर शामिल हैं।
सीबीआई पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के विदिशा जिले में स्थित सिरोंज के घर पर भी सीबीआई की टीम पहुंची। लक्ष्मीकांत इस समय जेल में हैं।
40 अफसर सीबीआई टीम में...
सीबीआई को व्यापमं घोटाले की जांच का जिम्मा जुलाई में सौंपा गया था। इसके लिए 40 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व असम-मेघालय कैडर के आईपीएस अधिकारी सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी अग्रवाल कर रहे हैं।
क्या है व्यापमं घोटाला
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन पदों की भर्तियां करता है, जिनकी भर्तियां म.प्र. लोक सेवा आयोग नहीं करता। इसके तहत प्री मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के एग्जाम होते हैं। घोटाले की बात उस वक्त सामने आई जब कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स, ट्रैफिक पुलिस, सब इंस्पेक्टरों की भर्ती परीक्षा के अलावा मेडिकल एग्जाम में ऐसे लोगों को पास किया गया जिनके पास एग्जाम में बैठने तक की योग्यता नहीं थी। सरकारी नौकरियों में करीब हजार से ज्यादा और मेडिकल एग्जाम में 500 से ज्यादा भर्तियां शक के घेरे में हैं। इस घोटाले की जांच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी कर रही है।
कैसे सामने आया था व्यापमं घोटाला?
- व्यापमं की ओर से हुई प्री-मेडिकल टेस्ट में गड़बड़ी के सिलसिले में कई एफआईआर दर्ज की जा चुकी थीं। लेकिन जुलाई 2013 में यह घोटाला बड़े रूप में तब सामने आया जब इंदौर क्राइम ब्रांच ने जगदीश सगर की गिरफ्तारी की। उसे मुंबई के पॉश होटल से गिरफ्तार किया गया था। उसके इंदौर स्थित घर से कई करोड़ रुपए का कैश बरामद हुआ था। पुलिस के मुताबिक, एमबीबीएस डिग्री रखने वाले सगर ने पूछताछ में कबूल किया कि उसने 3 साल के दौरान 100 से 150 स्टूडेंट्स को एमबीबीएस कोर्स में गलत तरीके से एडमिशन दिलाया थ
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