न्यूयॉर्क. केंद्र सरकार ने साफ किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस मेंमेंटो (तीन रंग के झंडे) पर मशहूर शेफ विकास खन्ना को ऑटोग्राफ दिया था, वह तिरंगा नहीं था। इस मुद्दे पर विवाद सामने आने के बाद प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) के डीजी फ्रैंक नोरोन्हा ने बयान दिया है। उनका कहना है कि जिस झंडे पर पीएम ने ऑटोग्राफ दिया था, उस पर अशोक चक्र नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम के हाथों तिरंगे का अपमान होने की खबर झूठी है।
इससे पहले मीडिया में खबर आई थी कि पीएम नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में मशहूर शेफ विकास खन्ना को कथित तौर पर ऑटोग्राफ वाला तिरंगा दिया था। इस पर विवाद हो गया था। वह इसलिए क्योंकि नियमों के मुताबिक तिरंगे पर कुछ भी लिखा नहीं जा सकता। विकास यह तिरंगा अमेरिकी प्रेसिडेंट ओबामा को देने वाले थे।
गौरतलब है कि पीएम मोदी और टॉप कंपनियों के सीईओज के साथ गुरुवार रात हुए डिनर के लिए विकास खन्ना और उनकी टीम से डिशेज तैयार की थीं। विकास का कहना है कि मोदी ने डिनर के बाद उन्हें गिफ्ट में यह ऑटोग्राफ वाला झंडा दिया था।
क्या कहता है फ्लैग कोड ऑफ इंडिया?
26 जनवरी, 2002 से लागू फ्लैग कोड तीन पार्ट में है। इसके पार्ट 3 (सेक्शन 5) में इंडियन फ्लैग के मिसयूज के बारे में बताया गया है। इसके प्वाइंट 3.28 में साफ लिखा है कि तिरंगे पर किसी भी तरह से कुछ भी लिखना नहीं चाहिए। कुछ भी लिखना या साइन करना फ्लैग कोड का उल्लंघन है।
26 जनवरी, 2002 से लागू फ्लैग कोड तीन पार्ट में है। इसके पार्ट 3 (सेक्शन 5) में इंडियन फ्लैग के मिसयूज के बारे में बताया गया है। इसके प्वाइंट 3.28 में साफ लिखा है कि तिरंगे पर किसी भी तरह से कुछ भी लिखना नहीं चाहिए। कुछ भी लिखना या साइन करना फ्लैग कोड का उल्लंघन है।
मोदी ने लगाया था गले: विकास
पंजाब के अमृतसर में जन्मे शेफ विकास खन्ना ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को पीएम और सीईओज की मीटिंग और डिनर के लिए 26 डिशेज तैयार की थीं। यह भारत के अलग-अलग फेस्टिवल में परोसी जाने वाली डिशेज थीं। विकास के मुताबिक, डिनर के बाद मोदी ने उन्हें गले लगाया और अपने ऑटोग्राफ वाला तिरंगा गिफ्ट किया। बता दें कि न्यूयॉर्क के फाइव स्टार होटल वॉल्डोर्फ एस्टोरिया में हुए डिनर में लॉकहीड मार्टिन की प्रेसिडेंट मार्लिन ए ह्यूसन, फोर्ड मोटर के प्रेसिडेंट मार्क फील्ड्स, पेप्सिको कंपनी की सीइओ इंदिरा नूई, जॉनसन एंड जॉनसन के प्रेसिडेंट जार्ज मेस्क्विटा समेत दुनिया के कई बड़ी कंपनियों के सीईओ शामिल हुए थे।
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