विकास से कोसों दूर ग्राम पंचायतें, मनरेगा की राशि चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट
तहसील प्रमुख // मनोज सोनी (बैगमगंज// टाइम्स ऑफ क्राइम)
तहसील प्रमुख से संपर्क:-98932 17906
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बेगमगंज, केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ढेरों योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन हर स्तर पर ये योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही है। राष्टरीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना फाइलों में दबी रह गई। आलम यह है कि केन्द्र सरकार से योजना के क्रियान्वयन के लिए करोड़ों रूपए मिलने के बाद भी जिले भर में काम पूरे नही हुए है।
ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों के अकुशल श्रम करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों को आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजना महज दिखावा बन कर ही रह गई है। प्रतिदिन बनने वाली यदि प्रगति रिपोर्ट पर नजर दौड़ाई जाए, तो इन कार्यो की हकीकत खुद -ब-खुद सामने आ जाएगी रोड, ताल-तालाब, सार्वजनिक निर्मल नीर, स्टॉप डेम, पौधारोपण, सोखता, गड्डा, कूप निर्माण मेढ़ बंधान, नंदन फलोधान योजना के तहत किए जा रहे कार्य अभी पूरे नही हुए हैं।
अपूर्ण कार्य, कागजों में पूर्ण
योजना के तहत श्रममूलक सामुदायिक विकास कार्य के प्रावधान किए गए हैं। वनरोपण, पौधरोपण, सिंचाई के लिए नहरें, लघु एवं मध्यम सिंचाई कार्य, परंपरागत, बाढ़ नियंत्रण सुरक्षा ,जल जमाव क्षेत्रों में जल निकासी और बारहमासी सडक़ों के रूप में ग्रामीण सडक़ संपर्क के कार्य किए जाने के प्रावधान है, लेकिन इसके तहत कराए गए कार्य अपूर्ण हैं।
हितग्राही मूलक योजना अधर में
योजना के तहत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों या गरीबी रेखा से नीचे के परिवार या भूमि सुधार के हितधारियों या इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना के हितधारियों की स्वयं की कृषि भूमि के लिए सिंचाई सुविधा बागवानी और भूमि विकास सुविधा के कार्य किए जाते है। जिनमें हजारों कार्य अपूर्ण हैं। इसमें कू प निर्माण, मेढ़ बंधान और पौधरोपण, नंदन फलोधान के कार्य शामिल है। मजदूरी के भुगतान में बिलंब होने से मजदूर काम नही कर रहे है जिसके कारण रोजगार गारंटी योजना ठप पड़ी है।
जॉब कार्ड सरपंच-सचिवों के पास
बेगमगंज जनपद पंचायत के अंतर्गत देखा जाए तो सरपंच-सचिवों द्वारा फर्जी मजदूरों की लिस्ट तैयार की जाती है और ग्राम के कुछ मजदूरों से सांठ-गांठ होने से सरपंच सचिवों द्वारा मजदूरों की फर्जी राशि हड़पी जाती है। सीधी सी बात यह है कि चार दिन मजदूर काम करते है और लिस्ट में आठ दिन की मजदूरी दर्शाकर फर्जी निर्माण कार्य बताये जाते है जिससे शासन की राशि का सीधा दुप्रयोग किया जाता है। जबकि पोस्ट आफिस के कर्मचारियों से सांठ-गांठ होने से अब यह बात सामान्य सी हो गयी है।
पहले दाम फिर काम
केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा की उच्चस्तरीय जांच कराई जाये है तो जिले की आधी से अधिक पंचायतों के सरपंच-सचिव सहित कई अधिकारियों पर गाज गिरेगी। जबकि तहसील के आधे से अधिक पंचायतों की गबन एवं निर्माण कार्य में लापरवाही की शिकायतें की जा चुकी है।
ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों के अकुशल श्रम करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों को आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजना महज दिखावा बन कर ही रह गई है। प्रतिदिन बनने वाली यदि प्रगति रिपोर्ट पर नजर दौड़ाई जाए, तो इन कार्यो की हकीकत खुद -ब-खुद सामने आ जाएगी रोड, ताल-तालाब, सार्वजनिक निर्मल नीर, स्टॉप डेम, पौधारोपण, सोखता, गड्डा, कूप निर्माण मेढ़ बंधान, नंदन फलोधान योजना के तहत किए जा रहे कार्य अभी पूरे नही हुए हैं।
अपूर्ण कार्य, कागजों में पूर्ण
योजना के तहत श्रममूलक सामुदायिक विकास कार्य के प्रावधान किए गए हैं। वनरोपण, पौधरोपण, सिंचाई के लिए नहरें, लघु एवं मध्यम सिंचाई कार्य, परंपरागत, बाढ़ नियंत्रण सुरक्षा ,जल जमाव क्षेत्रों में जल निकासी और बारहमासी सडक़ों के रूप में ग्रामीण सडक़ संपर्क के कार्य किए जाने के प्रावधान है, लेकिन इसके तहत कराए गए कार्य अपूर्ण हैं।
हितग्राही मूलक योजना अधर में
योजना के तहत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों या गरीबी रेखा से नीचे के परिवार या भूमि सुधार के हितधारियों या इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना के हितधारियों की स्वयं की कृषि भूमि के लिए सिंचाई सुविधा बागवानी और भूमि विकास सुविधा के कार्य किए जाते है। जिनमें हजारों कार्य अपूर्ण हैं। इसमें कू प निर्माण, मेढ़ बंधान और पौधरोपण, नंदन फलोधान के कार्य शामिल है। मजदूरी के भुगतान में बिलंब होने से मजदूर काम नही कर रहे है जिसके कारण रोजगार गारंटी योजना ठप पड़ी है।
जॉब कार्ड सरपंच-सचिवों के पास
बेगमगंज जनपद पंचायत के अंतर्गत देखा जाए तो सरपंच-सचिवों द्वारा फर्जी मजदूरों की लिस्ट तैयार की जाती है और ग्राम के कुछ मजदूरों से सांठ-गांठ होने से सरपंच सचिवों द्वारा मजदूरों की फर्जी राशि हड़पी जाती है। सीधी सी बात यह है कि चार दिन मजदूर काम करते है और लिस्ट में आठ दिन की मजदूरी दर्शाकर फर्जी निर्माण कार्य बताये जाते है जिससे शासन की राशि का सीधा दुप्रयोग किया जाता है। जबकि पोस्ट आफिस के कर्मचारियों से सांठ-गांठ होने से अब यह बात सामान्य सी हो गयी है।
पहले दाम फिर काम
केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा की उच्चस्तरीय जांच कराई जाये है तो जिले की आधी से अधिक पंचायतों के सरपंच-सचिव सहित कई अधिकारियों पर गाज गिरेगी। जबकि तहसील के आधे से अधिक पंचायतों की गबन एवं निर्माण कार्य में लापरवाही की शिकायतें की जा चुकी है।
स्वच्छता अभियान गायब
तहसील बेगमगंज में देखा जाए तो समग्र स्वच्छता अभियान के द्वारा निर्मल नीर शौचालय गांवों में कहीं से कहीं तक दिखाई नही दे रहे है, सरपंच सचिवों द्वारा निर्माण कार्य की राशि निकालकर योजना को भ्रष्टïाचार की बलि चढ़ा दिया है।
मुख्यमंत्री सडक़ों में अवैध उत्खनन
तहसील बेगमगंज के अंतर्गत बनाई जा रही मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजनाओं में सबइंजीनियरों की मिली भगत से जेसीबी मशीने और ट्रेक्टरों से अवैध उत्खनन कर सडक़ बनाई जा रही है और मजदूरों के फर्जी जॉॅब कार्ड से राशि निकाली जा रही है।
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