मारपीट में तीन युवकों में एक महिला भी शामिल
क्राइम रिपोर्टर// लखनलाल (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
क्राइम रिपोर्टर से संपर्क: 7509261794
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कटनी . जिले के बरही एवं विजयराघवगढ़ तहसिलों के अन्र्तगत आने वाले ग्रामों क्रमश: बुजबुजा एवं डोंगरिया जहॉं वैलस्पन कं. द्वारा अपनी प्रस्तावित विद्युत ईकाई हेतु शासकीय सहयोग से बड़ी मात्रा में कृषि भूमि संबंघित किसानों के विरोध के बावजूद अर्जित कराई गई वहां के किसानों के एक बड़े वर्ग ने अभी तक न तो अधिग्रहित भूमि का मुआवजा लिया है और न ही अपनी जमीनें छोड़ी है इस स्थिति के चलते कम्पनी के पक्ष घर पुलिस प्रशासन से मिल कर अपनी मनमानी करते आ रहे है।
इन्हीं कुछ कारणों के वजह से बुजबुजा एवं डोंगरिया ग्राम वासियों में
आक्रोश की स्थिति निर्मित होती जा रही है। शासन एवं प्रशासन क्या चाहता है ये शासन एवं प्रशासन के लोग ही बता सकते हैं। ग्राम वासी पुलिस पर भी एक पक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लग रहे हैं। इस क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है इस क्षेत्र में कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।
वैल्सपन करा रही खुल के गुड्डा गर्दी
वैलस्पन कम्पनी का अरबों रुपये इस प्लांट में लग चूके है इस वजह से कम्पनी अगर इन दोनों ग्रामों की भूमि को अधिग्रहित नहीं कर पाती तो पता नहीं कितने की हानि कम्पनी एवं शासन को होगी और इसका खामियाजा कौन के सर आयेगा। इन्हीं कई कारणें से अब कम्पनी खुल के गुड्डा गर्दी पर उतारू हो चुकी है। बुजबुजा ग्राम बस में 87 लोगों की भूमि को अधिग्रहित करना था। जिस पर बुजबुजा ग्राम के 20 लोगों ने भूमि में कब्जा दे कर चैक पा लिया है जो की हरिजन आदिवासी ज्यादा है कम्पनी इन्हीं लोगों को अपनी और मिला कर ग्राम में दहशत का माहौल पैदा करा रहे है। जिससे बुजबुजा एवं डोंगरिया ग्रामवासियों पर भारी आक्रोश व्यापत है।
कृषि भूमि को बंजर बता कर पेश किया रिकार्ड
इसी तरह उन्होंने ये भी बताया कि स्थानीय शासकीय अधिकारियों द्वारा उनकी जमीनों के संदर्भ में राज्य शासन को लगातार गलत जानकारियां प्रस्तुत की जाती रही हैं। यहां तक की उनकी सिंचित और दो-तीन फसली जमीन को भी बंजर बता दिया गया। इसके अतिरिक्त क्षेत्र की जमीनों पर लगे बड़े बड़े पेड़ों, कुंओं, ट्यूबबेलों आदि को भी दर्ज न कर कम्पनी के पक्षधरताओं ने सरासर जालसाजी और धोखाधड़ी का पूर्ण कार्य करते हुऐ शासन की आंखों में भी धूल झोंकने और राजस्व की क्षतिपूर्ण कार्य को अंजाम दिया। इसी का नतीजा है कि अब यहां बड़ी मात्रा में ऐसे पेड़ों की कटाई का नियम विरुद्ध कार्य धड़ल्ले से चल रहा है।
जबरन भू-अधिग्रहरण के पक्ष में शासन-प्रशासन, पुलिस पर कम्पनी हितैशी साजिशी हथकंडों में सहयोग का आरोप
यहां पर सबसे ज्यादा षडय़ंत्रकारी कार्य हो रहे है कि एक छोटे से अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को बहला फुसला कर पहले तो उन्हें उनकी जमीनों का अधिग्रहण स्वीकार किये जाने हेतु राजी कर लिया गया और अब इन्हें तमाम साजिशी हथकंडों के माध्यम से बरगलाते हुऐ अधिग्रहण मंजूर न करने वाले किसान परिवारों के सदस्यों यहां तक की छोटे छोटे बच्चों के साथ नाहक लड़ाई झगड़े मारपीट आदि विवादित स्थितियों पैदा करने के लिये उकसाया जा रहा है। इसकी बानगी विगत होली के पर्व के दौरान भी निर्मित हुई। जिसमें कई लोग घायल हुये और पीडि़त पक्ष ने जब इस सम्बंध में पुलिस को सूचना देकर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु कहा गया तब उनकी शिकायतों को नजर अंदाज कर दिया गया। वही विवाद और मारपीट करने वाले पक्ष के अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति होने का फायदा उठाते हुयं उन्हीं के माध्यम से झूठी शिकायतों के जरिये अजाक थाने बुजबुजा ग्राम के कई लोगों को नोटिस जारी किया गया।
विषय में गत दिवस अपनी जमीनों के अधिग्रहण का विरोध कर रहे
ग्रामीण जनों की और से उनके पक्ष में बरही में सभा करने पहुंच रहे लोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघु ठाकुर की सभा के लिये अनुमति न दिये जाने को ऐसी ही कार्यवाही मानते हुये बुजबुजा, डोंगरिया के बहुसंख्यक ग्रामीण महिला, पुरुषों का एक सुर में कहना था प्रशासन द्वारा उनके हितों और अधिकारों के लिये किये जाने वाले शांति पूर्ण संघर्ष के प्रति इसी तरह का उपेक्षापूर्ण और उनके विरुद्व साजिशी हथकंड़ों के पक्ष ने सहयोगत्मक रूख अपनाये रखा तो इस क्षेत्र में किसी भी समय शांति भंग तथा बड़ी अशांतिपूर्ण घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता और इस स्थिति में सम्पूर्ण जवाबदारी शासन, प्रशासन की होगी.
वैलस्पन ने पाले हैं गांवों में दलाल गुड्डें
ग्रांम वासियों के कहने के अनुसार वैलस्पन कम्पनी ने गांव वासियों को डराने और धमकाने के लिये दलाल जैसे गुड्डें पाल के रखे है जो राह चलते व्यक्ति को अपनी भूमि को देने के लिये उकसाते है और अगर मना किया जाता है तो उनके साथ गाली देते हुये झगड़ा करते हैं और जान से मारने की धमकी भी दी जाती है। इन दलाल नुमा गुड्डों के नाम कुछ इस प्रकार है जय शुक्ला, कृपाशंकर मिश्रा, सुनील पटेल भूरा, जमुना बसोरी, नरेश,सुरेशिया, राजेन्द्र, राकेश ये सब हरिजन जाति के लोग है इन्ही चंद लोगों के कारण ही ग्राम वासियों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है कभी कुछ भी हो सकता है इन दलाल नुमा गुड्डों कों कम्पनी एवं ऊची पहुच वाले नेताओं का पूर्ण रूप से संरक्षण दे रखा है कम्पनी चाहती है की यहां कुछ इस प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटे जिसका फायदा कम्पनी को प्राप्त हो इसलिये कम्पनी कमीने पन की सारी हदें पर कर रही है।
इन्हीं कुछ कारणों के वजह से बुजबुजा एवं डोंगरिया ग्राम वासियों में
आक्रोश की स्थिति निर्मित होती जा रही है। शासन एवं प्रशासन क्या चाहता है ये शासन एवं प्रशासन के लोग ही बता सकते हैं। ग्राम वासी पुलिस पर भी एक पक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लग रहे हैं। इस क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है इस क्षेत्र में कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।
वैल्सपन करा रही खुल के गुड्डा गर्दी
वैलस्पन कम्पनी का अरबों रुपये इस प्लांट में लग चूके है इस वजह से कम्पनी अगर इन दोनों ग्रामों की भूमि को अधिग्रहित नहीं कर पाती तो पता नहीं कितने की हानि कम्पनी एवं शासन को होगी और इसका खामियाजा कौन के सर आयेगा। इन्हीं कई कारणें से अब कम्पनी खुल के गुड्डा गर्दी पर उतारू हो चुकी है। बुजबुजा ग्राम बस में 87 लोगों की भूमि को अधिग्रहित करना था। जिस पर बुजबुजा ग्राम के 20 लोगों ने भूमि में कब्जा दे कर चैक पा लिया है जो की हरिजन आदिवासी ज्यादा है कम्पनी इन्हीं लोगों को अपनी और मिला कर ग्राम में दहशत का माहौल पैदा करा रहे है। जिससे बुजबुजा एवं डोंगरिया ग्रामवासियों पर भारी आक्रोश व्यापत है।
कृषि भूमि को बंजर बता कर पेश किया रिकार्ड
इसी तरह उन्होंने ये भी बताया कि स्थानीय शासकीय अधिकारियों द्वारा उनकी जमीनों के संदर्भ में राज्य शासन को लगातार गलत जानकारियां प्रस्तुत की जाती रही हैं। यहां तक की उनकी सिंचित और दो-तीन फसली जमीन को भी बंजर बता दिया गया। इसके अतिरिक्त क्षेत्र की जमीनों पर लगे बड़े बड़े पेड़ों, कुंओं, ट्यूबबेलों आदि को भी दर्ज न कर कम्पनी के पक्षधरताओं ने सरासर जालसाजी और धोखाधड़ी का पूर्ण कार्य करते हुऐ शासन की आंखों में भी धूल झोंकने और राजस्व की क्षतिपूर्ण कार्य को अंजाम दिया। इसी का नतीजा है कि अब यहां बड़ी मात्रा में ऐसे पेड़ों की कटाई का नियम विरुद्ध कार्य धड़ल्ले से चल रहा है।
जबरन भू-अधिग्रहरण के पक्ष में शासन-प्रशासन, पुलिस पर कम्पनी हितैशी साजिशी हथकंडों में सहयोग का आरोप
यहां पर सबसे ज्यादा षडय़ंत्रकारी कार्य हो रहे है कि एक छोटे से अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को बहला फुसला कर पहले तो उन्हें उनकी जमीनों का अधिग्रहण स्वीकार किये जाने हेतु राजी कर लिया गया और अब इन्हें तमाम साजिशी हथकंडों के माध्यम से बरगलाते हुऐ अधिग्रहण मंजूर न करने वाले किसान परिवारों के सदस्यों यहां तक की छोटे छोटे बच्चों के साथ नाहक लड़ाई झगड़े मारपीट आदि विवादित स्थितियों पैदा करने के लिये उकसाया जा रहा है। इसकी बानगी विगत होली के पर्व के दौरान भी निर्मित हुई। जिसमें कई लोग घायल हुये और पीडि़त पक्ष ने जब इस सम्बंध में पुलिस को सूचना देकर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु कहा गया तब उनकी शिकायतों को नजर अंदाज कर दिया गया। वही विवाद और मारपीट करने वाले पक्ष के अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति होने का फायदा उठाते हुयं उन्हीं के माध्यम से झूठी शिकायतों के जरिये अजाक थाने बुजबुजा ग्राम के कई लोगों को नोटिस जारी किया गया।
विषय में गत दिवस अपनी जमीनों के अधिग्रहण का विरोध कर रहे
ग्रामीण जनों की और से उनके पक्ष में बरही में सभा करने पहुंच रहे लोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघु ठाकुर की सभा के लिये अनुमति न दिये जाने को ऐसी ही कार्यवाही मानते हुये बुजबुजा, डोंगरिया के बहुसंख्यक ग्रामीण महिला, पुरुषों का एक सुर में कहना था प्रशासन द्वारा उनके हितों और अधिकारों के लिये किये जाने वाले शांति पूर्ण संघर्ष के प्रति इसी तरह का उपेक्षापूर्ण और उनके विरुद्व साजिशी हथकंड़ों के पक्ष ने सहयोगत्मक रूख अपनाये रखा तो इस क्षेत्र में किसी भी समय शांति भंग तथा बड़ी अशांतिपूर्ण घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता और इस स्थिति में सम्पूर्ण जवाबदारी शासन, प्रशासन की होगी.
वैलस्पन ने पाले हैं गांवों में दलाल गुड्डें
ग्रांम वासियों के कहने के अनुसार वैलस्पन कम्पनी ने गांव वासियों को डराने और धमकाने के लिये दलाल जैसे गुड्डें पाल के रखे है जो राह चलते व्यक्ति को अपनी भूमि को देने के लिये उकसाते है और अगर मना किया जाता है तो उनके साथ गाली देते हुये झगड़ा करते हैं और जान से मारने की धमकी भी दी जाती है। इन दलाल नुमा गुड्डों के नाम कुछ इस प्रकार है जय शुक्ला, कृपाशंकर मिश्रा, सुनील पटेल भूरा, जमुना बसोरी, नरेश,सुरेशिया, राजेन्द्र, राकेश ये सब हरिजन जाति के लोग है इन्ही चंद लोगों के कारण ही ग्राम वासियों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है कभी कुछ भी हो सकता है इन दलाल नुमा गुड्डों कों कम्पनी एवं ऊची पहुच वाले नेताओं का पूर्ण रूप से संरक्षण दे रखा है कम्पनी चाहती है की यहां कुछ इस प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटे जिसका फायदा कम्पनी को प्राप्त हो इसलिये कम्पनी कमीने पन की सारी हदें पर कर रही है।
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