जेल
प्रशासन ने पटियाला जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना को फांसी देने से
इनकार कर दिया है. राजोआना पर तब पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या
में शामिल होने का आरोप है और उसे चंडीगढ़ की एक अदालत ने फांसी की सजा
सुनाई हुई है. जेल प्रशासन का तर्क ये है कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश
और पंजाब के बीच ऐसा कोई करार नहीं है कि चंडीगढ़ के किसी अपराधी को फांसी
पे पंजाब की कोई जेल चढ़ाए.
इस बीच फांसी का विरोध कर रहे पंजाब के कई धार्मिक नेताओं ने राजोआना से मिलने की कोशिश की. लेकिन राजोआना सिर्फ बलजीत सिंह दादुवाल से मिलने के लिए तैयार हुए. दादुवाल ने पंजाब सरकार पर तीखा कटाक्ष किया है. कहा है कि फांसी अगर जल्लाद, जेलर और नवनियुक्त डीजीपी सुमेध सैनी नहीं दे सकते तो फिर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल स्वयं दे दें. उनकी मांग है कि अकाल तख़्त प्रकाश सिंह बादल से कहे कि वे विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर राजोआना को फांसी की सजा माफ़ करें. अदालत के आदेश के अनुसार राजोआना को फांसी 31 मार्च के दिन दी जानी है.
गौरतलब
है कि चंडीगढ़ जेल में कोई जल्लाद या फांसी दे सकने की कोई व्यवस्था नहीं
है. पंजाब में भी ये व्यवस्था सिर्फ पटियाला जेल में है.
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