ब्यूरो प्रमुख // पी.वेंकट रत्नाकर (कटनी// टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी. शहर के शराब दुकानों में तो आबकारी विभाग की रहमत तो कूट कूट कर बरसती है क्योंकि कोई भी शराब का ठेकेदार अलग से शॅाप बार बना के चला सकता है। जबकि जिले में लाईसेंसी अहाते कुल चार हैं और बाकी जो भी शॉप बार के नाम से संचालित शराब दुकानें चल रही हैं सभी शॉप बार पूर्ण रूप से अवैध चल रही हैं।
एडीओ आर एल तिवारी की मेहरवानी
हमारे जिले के आबकारी अधिकारी एडीओ आर एल तिवारी जी को जैसे किसी का भय ही नहीं है तभी तो शहर के रैस्टारेंट एवं ढाबों में लोगों को खुले आम शराब टेबिल में परोसी जाती है और शहर के सारे आबकारी अधिकारी को सब अच्छे से पता है की किस रैस्टारेंट और ढाबों में खुले आम दारू बेची जाती है। किन्तु यहॉं इन्हें क्या है या इन अधिकारीयों को क्या पड़ी जो छापा मारने जाये। उसके ऐवज में आबकारी सिपाही महिने की मोटी फीस वसूलने जाते हैं। अधिकारी तो पुराने ठेकेदारों को पुराने ठेके को कुछ प्रतिशत को बढ़ाकर रिन्यू कर दिया जाता हैं उसी प्रकार के जिले के हमारे एडीओ आर एल तिवारी इन अवैध दारू बेचने वाले को भी पिछले साल की अपेक्षा अधिक राशी का हवाला देकर अवैध शराब बेचने का लाइसेंस पास कर दिये जाते है।
जिले के अवैध शराब माफियाओं को अच्छे से पता है की इस साल की हमारी राजिस्ट्री की फीस कितनी बढग़ी अगर पिछले साल 10 प्रतिशत है तो अगले साल 20 प्रतिशत देना पड़ेगा। ये है इनका जमीर और शायद इन अधिकारी नूमा सरीफ बंदे भगवान की पूजा करते समय बड़े शराब माफिया पकड़े जाने के लिए आशिर्वाद मांगते होगें और अगर पकडु गया तो कभी आबकारी एक्ट के द्वारा धारा लगाई ही नहीं जाती ये तो एक पाव से लेकर 5 लीटर का सीजरा तैयार कर कोर्ट में पेश कर देते हैं जिसमें ये शराब माफिया कोर्ट में जुर्माना भर कर आसानी से छुट जाते हैं। ये है हमारे एडीओ आर एल तिवारी जी की नौकरी ये बड़ी ईमानदारी से निभा रहे हैं।
पुलिस ने पकड़ी शराब आबकारी अधिकारियों को लगा बुरा
कुछ दिनों पहले यातायात सूबेदार रहे एस पी बघेल को कोतवाली थाना प्रभारी की छुट्टी में कुछ दिनों के कोतवाली का प्रभार सौंपा गया था। उस बीच एस पी बघेल सूबेदार बने टीआई ने भारी मात्रा में शराब पकड़ी थी और शराब मफियाओं की गत बुरी कर दी थी तो कुछ दिनों के लिए शहर से अवैध शराब की अवैध धंधा बंद हो गया था और आबकारी विभाग का उन पंद्रह दिनों में लाखों का नुकसान हुआ तो आबकारी अधिकारी झल्लाने लग गऐ। उसका कारण यह था की अगर किसी व्यक्ति के परर्सनल पंद्रह में कहीं खो जाऐ तो उस व्यक्ति को तकलीफ तो होती ही है।
कुछ जगह चिन्हीत करता हू जहां अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने में चलता है। जैसे राय दरबार बरगवां, मुरली का ढाबा झिंझरी,भट्टा मुहल्ला, स्काईलार्क खिरहनी, लालू ढाबा जुहला बाईपास, जायसवाल ढाबा पन्ना नाका, अलका होटल जिला चिकित्सालय, कैम्प में और भी ऐसी कई जगह हैं जहां पर अवैध शराब का कारोबार खुले तौर पर किया जाता है। इन सभी जगह पर हमारे जिले के अधिकारी और अन्य की सह पर शराब बेची जाती है।
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