TOC NEWS // अवधेश पुरोहित
भोपाल। मंदसौर में भड़के किसान आंदोलन के बाद जहां एक ओर इस आंदोलन की मुख्य वजह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अपने जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर अधिकारियों पर भरोसा कर सरकार चलाने की नीति को दोषी ठहराया गया था तो वहीं इस आंदोलन के बाद संघ और भाजपा के नेताओं द्वारा ली गई रिपोर्ट के बाद यह भी खुलासा हुआ कि मंदसौर आंदोलन प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार और नौकरशाही की मनमानी के चलते हुआ।
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तो वहीं इस आंदोलन के पीछे भारतीय जनता पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की भूमिका को लेकर भी खुलासा हुआ है। लेकिन इन सबके बाद इस आंदोलन के कारण हटाये गये पुलिस अधीक्षक और नये पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति के बाद मंदसौर जिले का प्रभार संभालते ही पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने ३० तस्कर किसानों के किसान आंदोलन की बात करते हुए उनको फरार घोषित कर उनको पकडऩे के लिए इनाम घोषित किया गया, हालांकि इसके चार दिन बाद तक पुलिस अधीक्षक उन तस्करों की सूची उपलब्ध नहीं करा पाए थे
लेकिन डीजपी द्वारा मंगलवार को किए गए दावे के बाद बुधवार को ३२ फरार आरोपियां की सूची जारी की, इस सूची के जारी होने के बाद सूची में शामिल तस्करों और भाजपा के नेताओं के संबंधों की भी क्षेत्र में चर्चा चल निकली और अब लोग यह खोजने में लगे हैं कि किस अफीम तस्कर से किस भाजपा नेता का संबध्ंा हैं?
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कुल मिलाकर मंदसौर में भड़के किसान आंदोलन के बाद राज्य में जो रणनीति भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ संघ के नेताओं के द्वारा अपनाई जा रही है उसमें एक-दूसरे को इस आंदोलन के लिए दोषी ठहराने के साथ-साथ मंदसौर जिले के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह के इस खुलासके के बाद कि इस आंदोलन में तस्करों का हाथ था,
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उनके इस बयान के बाद और पुलिस द्वारा उन ३२ अफीम तस्करों के नामों का खुलासा होने के बाद अब यह बात साबित हो गई है कि अफीम तस्करों की भूमिका भी इस आंदोलन के पीछे थी और लोग अब उन तस्करों और भारतीय जनता पार्टी के संबंधों को खोजने में लगे हुए हैं और खासकर जहां सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं का अफीम तस्करों से संबंध होने की बात है तो अफीम तस्करों से भाजपा नेताओं के संबंधों को लेकर इस तरह के आरोप हमेशा सुर्खियों में रहे हैं
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फिर चाहे वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस सत्ता की कुर्सी पर मत चूको चौहाल आलेख लिखने के बाद पहुंचाने वाले स्वर्गीय सुन्दरलाल पटवा हों या फिर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरेन्द्र कुमार सकलेचा के साथ-साथ इस क्षेत्र के तमाम भाजपा नेताओं के अफीम तस्करों से संबंधों को लेकर आरोपों और चर्चाओं का दौर हमेशा जारी रहा है,
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अब पुलिस अधीक्षक मंदसौर द्वारा जारी अफीम तस्करों की सूची के बाद लोग भाजपा के नेताओं के संबंध तलाशने में लगे हुए हैं जिनके निकट भविष्य में खुलासा हो जाने के बाद इस क्षेत्र में किस तरह की राजनीति परिस्थितियां पैदा होंगी यह तो भविष्य बताएगा ?
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