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इंदौर. जूनी इंदौर थाने में धोखाधड़ी के 15 साल पुराने मामले में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सदस्य मनोज प्रभाकर शुक्रवार को जिला कोर्ट में पेश हुए। सीजीएम दीपक कुमार पांडे की कोर्ट में उपस्थित होकर प्रभाकर ने 25-25 हजार की जमानत पेश की साथ ही 50 हजार रुपए का मुचलका भी भरा। प्रभाकर के कोर्ट में पेश होने की सूचना मिलते ही कोर्ट परिसर में उन्हें देखने वालों की भीड़ जमा हो गई।
मीडियाकर्मियों के अलावा कोर्ट में मौजूद पक्षकारों की भीड़ भी प्रभाकर के आसपास लग गई थी। मामला 2001 का है, जब इंदौर में रहने वाले बल्लभदास सिंघल ने थाना जूनी इंदौर में मनोज प्रभाकर सहित चार लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 420 के तहत धोखाखड़ी का मामला दर्ज कराया था।
उनका कहना था, अपेक्स इंडिया चिटफंड कंपनी के इंदौर ऑफिस ने मनोज प्रभाकर सहित अन्य प्रभावशाली लोगों के कंपनी में डायरेक्टर होने की जानकारी दी थीं। कंपनी लोगों को मोटा ब्याज देने के नाम पर निवेश करने के लिए आकर्षित करती थी। सिंघल ने भी उस समय 50 हजार रुपए की एफडी कंपनी में कर दी थी। इसके दो महीने बाद ही कंपनी भाग गई। उन्होंने 8 फरवरी 2001 को जूनी इंदौर थाने में केस दर्ज कराया था। मनोज प्रभाकर ने 30 अगस्त 2001 को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली थी।
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जमानत नियमित नहीं कराने पर 7 अप्रैल 2015 को जिला कोर्ट ने प्रभाकर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। इसी के चलते वे इंदौर आए तथा जमानत और मुचलका भरने के बाद तत्काल कोर्ट से चले गए। मामले की अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी।
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