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19 नवंबर 1917 को इंदिरा गांधी का जन्म पंडित जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू के घर हुआ था। वो पंडित नेहरू की इकलौटी संतान थीं। उनके पिता आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे। उनके नक्शेकदम पर चलते हुए इंदिरा भी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं। गांधी ने 1966 से 1977 औ़र फिर 1980 से 1984 तक देश की प्रधानमंत्री के तौर पर सेवा की थी। अपने पिता के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान वो उनकी निजी सचिव रह चुकी थी। इसी वजह से उन्हें एक प्रधानमंत्री के कार्यों को करीब से देखने, समझने का मौका मिला। उन्हें भारत की आयरन लेडी के नाम से जाना जाता है। इसकी वजह उनका कई कड़े फैसले लेना है। (Image Source: Express Archive)
वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने अपनी नई किताब Indira: India’s Most Powerful Prime Minister में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री के निजी जीवन में झांकने की कोशिश की है।
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी। (फाइल फोटो)\
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन से जुड़े कुछ रहस्यों का खुलासा एक नई किताब में किया गया है। वरिष्ठ टीवी पत्रकार सागरिका घोष की लिखी किताब Indira: India’s Most Powerful Prime Minister में इंदिरा और फीरोज गांधी के रिश्तों पर नई रोशनी डाली गई है। किताब के अनुसार, ‘फीरोज ने 1955 में जब जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण किया, प्रेस का संसदीय कार्यवाही की रिपोर्टिंग की आजादी दिलाई, हालांकि बाद में इस कानून को इंदिरा ने ही इमरजेंसी के दौरान कुचल दिया।
सागरिका की किताब के अनुसार, दिल्ली में फीरोज को नेहरू की मौजूदगी से घुटन होती थी और तीन मूर्ति भवन में रहना उनके लिए असहनीय हो गया था। फीरोज की आशिक-मिजाजी के किस्से दिल्ली के गलियारों में सुनाई देने लगे थे। वह अक्सर तारकेश्वरी सिन्हा, महमूना सुल्तान और सुभद्रा जोशी जैसी सांसदों के साथ अपनी दोस्ती का प्रदर्शन करते थे, वह भी ऐसा दिखाने के लिए जैसे वह अपने ससुराल वालों को शर्मिंदा कर रहे हों।
हालांकि तारकेश्वरी सिन्हा ने यह कहते हुए खंडन किया , ”अगर एक मर्द और औरत साथ में लंच कर लें तो अफेयर की अफवाह उड़ने लगती है… मैंने एक बार इंदिरा से पूछा था कि क्या वह अफवाहों में यकीन करती है, चूंकि मैं खुद भी शादीशुदा थी और मेरा एक परिवार तथा सम्मान था, उन्होंने कहा कि वह अफवाहों में यकीन नहीं रखती।”
फीरोज के रूमानी किस्सों की हकीकत चाहे जो भी हो, उनके बारे में बातें खूब होतीं। अधिकतर लोगों को यही लगता था कि या तो फीरोज के अफेयर्स के चलते दोनों के बीच तलाक होगा या फिर इंदिरा की बेवफाई के चलते। ऐसी अफवाह थी कि इंदिरा का अफेयर नेहरू के सेक्रेटरी, एमओ मथाई से था। मथाई 1946 से लेकर 1959 तक नेहरू की परछाई रहे थे। वह अनथक काम करने में यकीन रखते थे, बेबाक थे जिसपर नेहरू ने पूरी तरह से भरोसा किया।
मथाई ने अपनी आत्मकथा में नेहरू काल का जिक्र करते हुए कथित तौर पर ‘शी’ नाम से एक पूरा खण्ड लिखा है, जिसमें उन्होंने ‘जोशीली’ इंदिरा का जिक्र किया जिनके साथ करीब 12 साल तक उनका अफेयर रहा। कई दक्षिणपंथी वेबसाइट्स पर मौजूद उस कथित खण्ड में कई लाइनें ऐसी हैं जिनमें कहा गया है कि ‘उनकी (इंदिरा) क्लियोपेट्रो जैसी नाक थी, पॉलिन बोनापार्ट जैसी आंखें और वीनस जैसे स्तन थे।’
इस खण्ड में लिखा गया है कि इंदिरा ‘बिस्तर में बेहद अच्छी थीं’ औरं सेक्स में ‘वह फ्रेंच महिलाओं और केरल नायर महिलाओं का मिश्रण थीं।’ किताब में यह भी दावा किया गया है कि वह लेखक (मथाई) से गर्भवती हो गई थीं और गर्भपात कराना पड़ा। कई अपुष्ट ऑनलाइन वर्जन में इंदिरा के हवाले से कहा गया कि वह एक हिंदू से शादी करना बर्दाश्त नहीं कर सकती थीं।’
आभार - Jansatta
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